Govt Loan Schemes: सरकार की ये दो योजनाए दे रही है आधार कार्ड पर 05 लाख का लोन आवेदन करे

Govt Loan Schemes: भारत सरकार विभिन्न सरकारी लोन स्कीम्स (ऋण योजनाएँ) प्रदान करती है, जो विशेष रूप से छोटे व्यवसायों, किसानों, और समाज के अन्य वर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से होती हैं। इन योजनाओं के माध्यम से सरकार रोजगार सृजन, आर्थिक विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देती है। उदाहरण के तौर पर, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP) का उद्देश्य ग्रामीण और छोटे उद्योगों को ऋण देकर व्यवसाय स्थापित करने में मदद करना है।

स्वनिधि योजना सड़क पर व्यापार करने वाले विक्रेताओं को ₹10,000 तक का लोन देती है, जिससे वे अपने व्यापार को फिर से खड़ा कर सकें। इन सरकारी लोन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों और छोटे उद्यमियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है, ताकि वे अपने कारोबार को बढ़ा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।

तो अगर आप भी किसी कारण से लोन लेने की सोच रहे हैं तो आज हम इस आर्टिकल में आपको सरकार की इन दो लोन योजना के बारे में पूरी जानकारी देंगे और लोन लेने की पूरी प्रक्रिया भी बताएंगे ताकि आपको इन सरकारी योजनाओं से लोन लेने में पूरी मदद मिले।

सरकारी योजनाओं से लोन लेने के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं। सबसे बड़ा लाभ यह है कि इन योजनाओं में ब्याज दरें अन्य लोन के मुकाबले काफी कम होती हैं, जिससे उधारी का बोझ कम होता है। इसके अलावा, कई योजनाओं में बिना किसी गारंटी के लोन उपलब्ध होता है, जिससे छोटे व्यवसायियों और नवोदित उद्यमियों के लिए इसे प्राप्त करना आसान हो जाता है।

सरकारी लोन योजनाओं में पुनर्भुगतान के लिए लचीलापन भी होता है, जिससे उधारकर्ताओं को समय पर लोन चुकाने में मदद मिलती है। कई योजनाओं में ब्याज पर सब्सिडी भी दी जाती है, जिससे लोन का कुल खर्च घट जाता है। इसके अलावा, इन योजनाओं का उद्देश्य गरीब और कमजोर वर्गों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, जिससे इन योजनाओं से लाभ प्राप्त करना समाज में समानता और समृद्धि को बढ़ावा देता है।

  1. सस्ती ब्याज दरें
  2. कोई गारंटी नहीं
  3. लचीला पुनर्भुगतान
  4. ब्याज पर सब्सिडी
  5. आर्थिक सशक्तिकरण

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP) भारत सरकार द्वारा 2008 में लागू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नए छोटे उद्योगों और स्वरोजगार गतिविधियों को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, युवाओं, महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य वंचित वर्गों को छोटे व्यवसायों की शुरुआत करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी बेरोजगारी की समस्या को हल करना और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है। PMEGP योजना को खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के द्वारा लागू किया जाता है, और इसके तहत विभिन्न प्रकार के उद्योगों जैसे कि कृषि आधारित, शिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, निर्माण, और सेवा क्षेत्र में ऋण दिए जाते हैं।

इस योजना के तहत, लाभार्थियों को बिना किसी गारंटी के ऋण उपलब्ध कराया जाता है। योजना का प्रमुख लाभ यह है कि इसमें सरकार द्वारा अनुदान (subsidy) भी प्रदान किया जाता है, जिससे लोन का बोझ कम हो जाता है। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामोद्योग योजना और खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग की ओर से दी गई सहायता इस योजना का हिस्सा है। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो छोटे और मंझले उद्योग शुरू करना चाहते हैं, लेकिन पूंजी की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पाते।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के मुख्य बिंदु:

  1. लोन राशि: लाभार्थियों को परियोजना के आधार पर ₹10 लाख से ₹25 लाख तक का लोन मिलता है।
  2. अनुदान (Subsidy): सरकार द्वारा विभिन्न वर्गों के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है, जो परियोजना की लागत का 15% से लेकर 35% तक हो सकता है।
  3. लक्ष्य समूह: योजना का उद्देश्य विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य वंचित वर्गों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है।
  4. ऋण का पुनर्भुगतान: ऋण चुकता करने के लिए समय सीमा 3 से 7 साल होती है, जो उद्योग के प्रकार और परियोजना की प्रकृति पर निर्भर करती है।

इस योजना के माध्यम से, सरकार छोटे उद्यमों और स्वरोजगार गतिविधियों को बढ़ावा देती है, जो राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में योगदान करते हैं।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP) के तहत लोन की राशि, ब्याज दर और सब्सिडी को विशेष रूप से विभिन्न प्रकार के व्यवसायों और लक्षित समूहों के लिए डिज़ाइन किया गया है। योजना के अंतर्गत, लाभार्थियों को छोटे और मंझले उद्योग स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता मिलती है। लोन राशि के बारे में बात करें तो यह ₹10 लाख से लेकर ₹25 लाख तक हो सकती है, जो परियोजना की प्रकृति और क्षेत्र के आधार पर निर्धारित की जाती है।

ब्याज दर सामान्यत: बैंक द्वारा निर्धारित की जाती है, जो आमतौर पर 8% से 12% के बीच होती है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में यह दर थोड़ी कम या अधिक हो सकती है, और यह बैंक की नीति पर निर्भर करता है।

सब्सिडी (अनुदान) एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो इस योजना को आकर्षक बनाता है। योजना के तहत, सरकार द्वारा विभिन्न लक्षित समूहों के लिए परियोजना लागत पर सब्सिडी दी जाती है। सामान्यत: अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), पिछड़ा वर्ग (OBC), और महिलाएं 35% तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकती हैं। अन्य सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों के लिए यह 25% तक होती है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 30% तक हो सकती है। सब्सिडी लाभार्थी की परियोजना लागत का हिस्सा होती है, और यह सीधे बैंक द्वारा लोन की राशि में कम कर दी जाती है, जिससे ऋण का बोझ कम हो जाता है।

इस प्रकार, PMEGP के तहत लोन के साथ ब्याज दरें, सब्सिडी और लोन पुनर्भुगतान की लचीली शर्तें लाभार्थियों को छोटे व्यवसायों की शुरुआत में मदद करती हैं और उनकी आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाती हैं।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP) से लोन लेने के लिए कुछ पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं। इस योजना का उद्देश्य छोटे और मंझले उद्योग स्थापित करने के लिए व्यक्तियों, समूहों और विशेष समुदायों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

यहां PMEGP से लोन लेने की पात्रता शर्तें दी गई हैं:

  1. आयु सीमा:
    • व्यक्तिगत लाभार्थी: 18 से 35 वर्ष के बीच के लोग इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, SC/ST, महिला, दिव्यांग और पिछड़ी जातियों के लिए आयु सीमा 45 वर्ष तक बढ़ा दी गई है।
  2. शैक्षिक योग्यता:
    • आवेदन करने वाले व्यक्ति को कम से कम 8वीं कक्षा पास होना चाहिए। यह शर्त खासतौर पर उन व्यक्तियों के लिए है जो स्वरोजगार के लिए उद्योग स्थापित करना चाहते हैं।
  3. स्वतंत्र उद्यमिता:
    • लाभार्थी को एक व्यक्तिगत या समूह के रूप में नया उद्योग स्थापित करने का इच्छुक होना चाहिए। यह योजना स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए है, जैसे कि कृषि आधारित, शिल्प, निर्माण, सेवा क्षेत्र आदि।
  4. लक्ष्य समूह:
    • यह योजना विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं, SC/ST, OBC, पिछड़े वर्ग, और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बनाई गई है।
    • नौकरी करने वालों के लिए पात्रता नहीं है; यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो स्वरोजगार स्थापित करना चाहते हैं।
  5. परियोजना की लागत:
    • स्वयं के व्यवसाय के लिए एक न्यूनतम ₹10 लाख और विकसित क्षेत्रों के लिए ₹25 लाख तक का लोन आवेदन किया जा सकता है।
  6. समूह आधार पर आवेदन:
    • अगर कोई समूह के रूप में योजना का लाभ लेना चाहता है, तो समूह में कम से कम 2 सदस्य होने चाहिए।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP) से लोन प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल और सुसंगत है। निम्नलिखित कदमों के माध्यम से आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं:

  1. आवेदन पत्र प्राप्त करें:
    • सबसे पहले, आपको प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन पत्र खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित बैंकों से प्राप्त किया जा सकता है।
    • आप ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। इसके लिए KVIC की वेबसाइट या संबंधित बैंकों के पोर्टल पर जाएं।
  2. आवेदन पत्र भरें:
    • आवेदन पत्र में आपकी व्यक्तिगत जानकारी, व्यवसाय का विवरण, परियोजना का प्रकार, और लागत की जानकारी दी जानी चाहिए।
    • इसके साथ ही आपको अपनी शैक्षिक योग्यता, आयु प्रमाण पत्र, और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ भी साथ में जमा करने होंगे।
  3. प्रस्ताव/परियोजना रिपोर्ट तैयार करें:
    • आवेदन पत्र के साथ, आपको अपनी परियोजना रिपोर्ट (Project Report) भी प्रस्तुत करनी होती है, जिसमें आपके व्यापार का प्रकार, लागत, उद्देश्यों और संभावित मुनाफे का विवरण होता है। यह रिपोर्ट बैंक द्वारा विचार की जाती है।
    • अगर आपको परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में मदद चाहिए, तो आप विभिन्न सरकारी एजेंसियों, जैसे कि KVIC या DIC (District Industries Centre), से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
  4. आवेदन दस्तावेज़ों के साथ जमा करें:
    • आवेदन पत्र और परियोजना रिपोर्ट के साथ निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:
      • पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड)
      • आयु प्रमाण पत्र
      • शैक्षिक योग्यता प्रमाणपत्र
      • निवास प्रमाण पत्र
      • बैंकों का खाता विवरण
      • जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
      • बैंकों द्वारा प्रमाणित परियोजना रिपोर्ट
  5. बैंक से संपर्क करें:
    • आवेदन पत्र और दस्तावेज़ों को संबंधित बैंक में जमा करें। योजना के तहत बैंक के माध्यम से लोन प्राप्त किया जाता है, और बैंक आपके आवेदन का सत्यापन करता है।
    • आपको अपने व्यवसाय के लिए बैंक से लोन स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। बैंक द्वारा लोन की राशि, ब्याज दर और शर्तों का निर्धारण किया जाएगा।
  6. लोन स्वीकृति और वित्तीय सहायता प्राप्त करें:
    • बैंक आपके आवेदन को स्वीकृत करने के बाद, योजना के तहत निर्धारित लोन राशि और सब्सिडी की मंजूरी देता है। इसके बाद, लोन राशि आपके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
    • बैंक आपको लोन की वापसी की शर्तों के बारे में भी जानकारी देता है, और लोन चुकाने के लिए तय अवधि और किस्तें निर्धारित करता है।
  1. KVIC की वेबसाइट पर जाएं (https://www.kvic.gov.in).
  2. PMEGP पर क्लिक करें और आवेदन लिंक पर जाएं।
  3. आवश्यक जानकारी भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें।
  4. आवेदन फॉर्म सबमिट करें और बैंक से संपर्क करें।

इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, आपको लोन मिलने की संभावना होती है, जो आपके छोटे व्यवसाय की शुरुआत में मदद करेगा।

स्वनिधि योजना (PM Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi) भारत सरकार द्वारा 1 जून 2020 को शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य सड़क पर काम करने वाले विक्रेताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह योजना विशेष रूप से उन छोटे दुकानदारों और विक्रेताओं के लिए है, जो कोरोना महामारी से प्रभावित हुए थे और जिनके पास अपनी व्यावासिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए पूंजी की कमी थी। स्वनिधि योजना के तहत, सड़क पर काम करने वाले छोटे व्यापारी जैसे ठेले-खोमचे वाले, फुटपाथ पर सामान बेचने वाले, और अन्य लघु व्यवसायों के मालिकों को ₹10,000 तक का ऋण बिना किसी गारंटी के प्रदान किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य इन्हें आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें एक मजबूत वित्तीय आधार प्रदान करना है ताकि वे अपने व्यापार को फिर से खड़ा कर सकें और पुनः आर्थिक रूप से सक्षम हो सकें।

स्वनिधि योजना का महत्व इस बात से भी है कि यह योजना पूरी तरह से डिजिटल और कैशलेस है, जिससे विक्रेताओं को अपने ऋण की प्रक्रिया में सरलता और पारदर्शिता मिलती है। यह योजना प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को फिर से व्यवसाय के लिए वित्तीय सहारा देना है और उन्हें डिजिटल भुगतान प्रणालियों से जोड़ना है।

स्वनिधि योजना के मुख्य बिंदु:

  1. ऋण राशि: इस योजना के तहत विक्रेताओं को ₹10,000 तक का ऋण बिना किसी गारंटी के दिया जाता है।
  2. ब्याज दर: योजना के तहत निर्धारित ब्याज दर 7% है, और अगर विक्रेता समय पर ऋण की अदायगी करता है, तो उसे ब्याज पर छूट भी दी जाती है।
  3. लोन अवधि: ऋण की अवधि 1 वर्ष होती है, जिसमें विक्रेता को छोटी मासिक किस्तों के रूप में भुगतान करना होता है।
  4. लक्ष्य समूह: यह योजना विशेष रूप से उन सड़क विक्रेताओं को लक्षित करती है जो कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
  5. ऑनलाइन प्रक्रिया: इस योजना का आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन किया जा सकता है, और इसे डिजिटल माध्यम से ही आगे बढ़ाया जाता है, जिससे विक्रेताओं को भी डिजिटल लेन-देन की आदत पड़ती है।

इस योजना के माध्यम से सरकार छोटे और सड़क विक्रेताओं को राहत देने की कोशिश कर रही है, ताकि वे अपने व्यवसाय को फिर से स्थापित कर सकें और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदान कर सकें।

स्वनिधि योजना (PM Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi) से लोन लेने के लिए कुछ पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं। यह योजना विशेष रूप से उन विक्रेताओं के लिए है जो सड़क पर व्यवसाय करते हैं और कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुए हैं। निम्नलिखित पात्रता शर्तें इस योजना से लोन प्राप्त करने के लिए लागू होती हैं:

  1. लक्ष्य समूह:
    • केवल सड़क विक्रेता (Street Vendors) पात्र हैं, जिनका व्यवसाय सड़क पर या सार्वजनिक स्थानों पर होता है। यह योजना विशेष रूप से उन्हीं विक्रेताओं के लिए है जो छोटे व्यापार करते हैं, जैसे कि ठेले-खोमचे वाले, फुटपाथ पर सामान बेचने वाले, और अन्य प्रकार के छोटे विक्रेता।
  2. पंजीकरण:
    • विक्रेता को शहरी स्थानीय निकाय (Municipal Corporation) में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीकरण के बाद ही वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। पंजीकरण के दौरान विक्रेता का विवरण और व्यापार की जानकारी प्राप्त की जाती है।
  3. प्रभावित विक्रेता:
    • योजना का उद्देश्य उन विक्रेताओं को राहत देना है, जो महामारी के कारण आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं और जिनके पास व्यवसाय को फिर से शुरू करने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं है।
  4. स्मार्टफोन और डिजिटल भुगतान का उपयोग:
    • विक्रेताओं को डिजिटल भुगतान के लिए सक्षम होना चाहिए। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि पहले से डिजिटल भुगतान करने का अनुभव हो, लेकिन योजना का हिस्सा होने के बाद विक्रेता को डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
  5. पहले से किसी अन्य ऋण योजना में भागीदारी नहीं होना चाहिए:
    • यह योजना उन विक्रेताओं के लिए है जिन्होंने पहले स्वनिधि योजना या अन्य सरकारी योजनाओं के तहत ऋण नहीं लिया हो।

स्वनिधि योजना (PM Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi) से लोन प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल और सुसंगत है। यह योजना विशेष रूप से उन सड़क विक्रेताओं के लिए है जो कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुए थे और जिनके पास अपने व्यवसाय को फिर से शुरू करने के लिए पूंजी की कमी थी। इस योजना के तहत लोन प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित आवेदन प्रक्रिया का पालन करना होता है:

  1. आवेदन की तैयारी:
    • सबसे पहले, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप पात्र हैं और आपने शहरी स्थानीय निकाय (Municipal Corporation) में अपना पंजीकरण करवा लिया है। यह पंजीकरण आवश्यक है, क्योंकि लोन केवल उन्हीं विक्रेताओं को दिया जाएगा जो पंजीकृत हैं।
  2. ऑनलाइन आवेदन:
    • स्वनिधि योजना के तहत लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। विक्रेताओं को स्वनिधि योजना पोर्टल या किसी भी संबंधित बैंक की वेबसाइट के माध्यम से आवेदन करने का विकल्प मिलता है। आप इस पोर्टल पर जाकर आवश्यक विवरण भर सकते हैं और दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं।
  3. आवेदन फॉर्म भरें:
    • आवेदन फॉर्म में अपनी व्यक्तिगत जानकारी, व्यवसाय का विवरण और पंजीकरण संबंधित जानकारी भरें। इसमें आपको आपके व्यापार का स्थान, प्रकार और पिछले कुछ महीनों का विवरण देना होता है।
  4. आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें:
    • आवेदन फॉर्म के साथ निम्नलिखित दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे:
      • पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि)
      • व्यवसाय का प्रमाण (शहरी स्थानीय निकाय से प्राप्त पंजीकरण प्रमाणपत्र)
      • बैंक खाता विवरण (बैंक खाते का पासबुक या स्टेटमेंट)
      • किसी अन्य संबंधित दस्तावेज़ (जो आवेदन में मांगे गए हों)
  5. बैंक से संपर्क करें:
    • आवेदन फॉर्म और दस्तावेज़ों को संबंधित बैंक (जहां आपका खाता है) में जमा करें। बैंक आपके आवेदन को स्वीकार करेगा और दस्तावेजों का सत्यापन करेगा। बैंकों के माध्यम से लोन स्वीकृत किया जाएगा।
  6. लोन की स्वीकृति और वितरण:
    • एक बार आवेदन स्वीकृत हो जाने के बाद, बैंक द्वारा लोन राशि आपके बैंक खाते में जमा की जाएगी। स्वीकृत लोन की राशि ₹10,000 तक हो सकती है, जिसे एक साल के भीतर चुकता करना होता है। लोन चुकता करने पर 7% ब्याज दर के साथ छोटे मासिक भुगतान होते हैं, और समय पर भुगतान करने पर ब्याज में 2% की छूट भी मिल सकती है।
  7. डिजिटल भुगतान प्रणाली:
    • स्वनिधि योजना के तहत, विक्रेताओं को डिजिटल भुगतान (UPI, QR कोड आदि) अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे अपने व्यवसाय को और अधिक डिजिटल और पारदर्शी बना सकें।

इस प्रकार, स्वनिधि योजना से लोन प्राप्त करने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन, आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ बैंक से संपर्क करना और अपने व्यवसाय के लिए ऋण का उपयोग करना होता है।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP) और स्वनिधि योजना (PM Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi) दोनों ही सरकारी योजनाएं छोटे व्यवसायियों और सड़क विक्रेताओं के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं, ताकि वे अपने व्यवसाय को शुरू कर सकें या पुनः शुरू कर सकें।

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